Nikhil will be remembered by his family and friends for his unwavering willingness to help others, his expertise in his field of study and his openness for what life had to offer.
After devoting his undergraduate and graduate studies to the field of water, Nikhil was about to begin his doctorate degree in water management and hydrological sciences at Texas A&M. Although he dedicated years to his field, which garnered him success and recognition from industry professionals and his peers, he centered his studies around helping others to learn and succeed.
“He’s not proud of himself. He never shows it,” said Uvashree Mohandass, Nikhil’s friend and water management and hydrological sciences graduate student. “He had done so much as far as I know he loves teaching, he wants to teach and he was so excited about being a TA this semester…He would never agree, but he is a very good researcher and has published so many papers.”
Nikhil served as a mentor and friend to those around him, always willing to help anyone who needed it.
“He was very caring and he used to treat us like brothers and he used to just help us and guide for what to do,” Shubham Jain, Nikhil’s roommate and water management and hydrological sciences graduate student said.
Nikhil’s expertise in his field of study made him stand out among his peers and professors, Uvashree said. Before visiting a professor for help, Nikhil’s friends said they would go to him for help first.
“I think he is the only person in the entire water department whom all the professors knew by name,” Sayantan Samanta, Nikhil’s roommate and water management and hydrological science graduate student said. “All the professors knew him by name because of his academic success … he was one of the brightest students in our program.”
His passion for research and love for travel led him around the globe to various research conferences and vacation destinations. He spent six months in Canada for an internship and spent time in Mexico, Singapore and China traveling and researching.
“He was excellent at his academics … He went to Canada on a summer internship and very few students get that and he got that from the university [in India],” Shubham said. “He was an excellent student and he worked on his thesis and he was going to do his Ph.D. in the field of water.”
Outside of his studies, Nikhil spent his time cooking elaborate recipes and making up innovative ones of his own, according to Siddharth Singh, Nikhil’s friend and water management and hydrological sciences graduate student. He often cooked biriyani, his favorite Indian dish made with chicken and Indian spices, to share with his friends.
When he didn’t feel like cooking, Nikhil and his friends would go out to local Mexican food restaurants in College Station, eat at Antonio’s on Northgate or grab burgers from The Pavilion on campus, Siddharth said.
Nikhil’s favorite sport was cricket and he would stay up through the night with his roommates and friends to watch India’s national cricket team play back-to-back matches against Pakistan. He and his friends would play their own cricket matches on the basketball court at College Main Apartments.
Siddharth said Nikhil was a genius whose legacy will live on in the memories of his family and friends, and even in those that did not know him personally, for his academic contributions to his field of study.
“I have heard from many professors that the water industry as a whole has lost a very valuable person,” Shubham said. “He would have achieved a lot in the field.”
Editor’s Note: The article is translated below in Nikhil’s native language, Hindi, for his family back home in Jaipur, India.
निखिल को उनके परिवार और दोस्तों के लिए दूसरों की मदद करने, अध्ययन, वॉटर मॅनेज्मेंट और हाइडोलॉजिकल साइन्सस के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता, और जीवन को खुल कर जीने के लिए याद किया जाएगा।
पानी के क्षेत्र में अपने स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन को समर्पित करने के बाद, भाटिया टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय में वॉटर मॅनेज्मेंट और हाइडोलॉजिकल साइन्सस में अपनी डॉक्टरेट की डिग्री शुरू करने वाले थे। यद्यपि उन्होंने अपने क्षेत्र में कई साल समर्पित किए, जिससे उन्हें उद्योग के पेशेवरों और उनके साथियों से सफलता की मान्यता प्राप्त हुई, उन्होंने दूसरों को जानने और सफल होने में सहायता करने में अपनी रूचि केन्द्रित की।
“उन्हे खुद पर कभी गर्व नहीं था और जितनी उनकी सफलताए थी वह यह कभी नहीं दिखाते थे। जितना मैं उन्हे जानती हूं वह शिक्षण मे बहुत रूचि रखते थे, वह पढ़ाना चाहते थे और इस सेमेस्टर में टीचिंग असिस्टेंट होने पर बहुत उत्साहित थे … वह कभी भी सहमत नहीं होगा, लेकिन वह एक बहुत अच्छा शोधकर्ता थे और उन्होने कई रिसर्च पेपर प्रकाशित किए थे, “भाटिया के मित्र और वॉटर मॅनेज्मेंट और हाइडोलॉजिकल साइन्सस क़ी स्नातक छात्र युवश्री मोहनदास ने कहा।
निखिल ने उनके आसपास के लोगों के लिए एक संरक्षक और दोस्त के रूप में सेवा की, वो हमेशा ही आवश्यकता के लिए किसी को भी मदद करने को तैयार रहते थे।
निखिल के रूममेट और वॉटर मॅनेज्मेंट और हाइडोलॉजिकल साइन्सस के स्नातक छात्र, शुभम जैन ने कहा, “वह हमारी बहुत देखभाल करते थे और वह हमारे साथ भाइयों की तरह व्यवहार करते थे और वह हमारी सहायता और मार्गदर्शन करते थे।”
अपने अध्ययन के क्षेत्र में निखिल की विशेषज्ञता ने उन्हें अपने साथियों और प्रोफेसरों के बीच उँचा किया, मोहनदास ने कहा। मदद के लिए एक प्रोफेसर से मिलने से पहले वे पहले मदद के लिए उनके पास जाएँगे, भाटिया के दोस्तों ने कहा।
“मुझे लगता है कि वह पूरे जल विभाग में एकमात्र व्यक्ति थे, जिन्हे सभी प्रोफेसर नाम से पहचानते थे” उनके मित्र सयन्तन ने कहा। “सभी प्रोफेसरों ने उन्हें उनकी अकादमिक सफलता के कारण नाम से जाना … वे हमारे कार्यक्रम में सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक थे।”
यात्रा के लिए उनके जुनून ने दुनिया भर में विभिन्न शोध सम्मेलनों और छुट्टी स्थलों का अनुभव करवाया। वह यात्रा करने या रिसर्च सम्मेलन में जाने का अवसर नहीं छोड़ेंगे, सयन्तन ने कहा। उन्होंने इंटर्नशिप के लिए कनाडा में छह महीने बिताए और मैक्सिको, सिंगापुर और चीन में यात्रा और शोध करने में समय बिताया।
“वह अपने शिक्षाविदों में उत्कृष्ट थे … वह एक सेमेस्टर में इंटर्नशिप पर कनाडा गए थे और ये मौका बहुत कम छात्रो को मिलता है और उन्होंने ये मौका उनके स्नातक विश्वविद्यालय से [भारत में] मिला था,” जैन ने कहा। “वह एक उत्कृष्ट छात्र थे और उन्होंने अपने शोध पर काम किया और वह अपनी पीएचडी जल विज्ञान के क्षेत्र करने जा रहे थे।”
निखिल के मित्र और वॉटर मॅनेज्मेंट और हाइडोलॉजिकल साइन्सस विज्ञान स्नातक छात्र सिद्धार्थ सिंह के अनुसार, उनके अध्ययन के अलावा, निखिल ने अपना समय विभिन्न व नवीन व्यंजनों को बनाने के लिए दिया। वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ साझा करने के लिए चिकन और भारतीय मसाले के साथ बने अपने पसंदीदा भारतीय व्यंजन बिरयानी पकाया करते थे।
जब उन्हे खाना पकाने का मन्न नहीं किया, तब वे और उसके दोस्त कॉलेज स्टेशन के स्थानीय मैक्सिकन भोजन रेस्तरां में जाया करते थे एवम नॉर्थगेट पर एंटोनियो पिज़्ज़ा या पेविल्लियन के परिसर में बर्गर खा लिया करते थे, सिद्धार्थ ने कहा।
वह सभी अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले लोगों के साथ जान पहचान बनाने और दोस्त बनाने में सक्षम थे, मोहनदास ने कहा।
युवश्री ने कहा, “वह हुमारे लिए हमेशा उपलब्ध था।” “अगर कभी कुछ मुश्किल समय था,या कोई चिकित्सा आपातकाल भी, वह सहयता के लिए ज़रूरआयेगा। वह आएगा और खाना भी पकाएगा।”
निखिल का पसंदीदा खेल क्रिकेट था और वह पाकिस्तान के खिलाफ बैक-टू-बैक मैच खेलने के लिए भारत के राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को देखने के लिए अपने रूममेट्स और दोस्तों के साथ रात भर जगा करता था ऑर कॉलेज मैन अपार्टमेंट्स में वह और उसके दोस्त बास्केटबॉल कोर्ट पर अपने क्रिकेट मैच खेला करते थे।
निखिल को फोटोग्राफी बहुत पसंद थी और जब वह विदेशों में यात्रा करते थे या यहां तक कि ह्यूस्टन या ऑस्टिन जैसे शहरों में भी तो तस्वीरें लेने से कभी नही चूकते थे, युवश्री ने कहा। वह ए एंड एम के फोटोग्राफी क्लब में अपने शौक को आगे बढ़ाने और उनके चित्रों को साझा करने के लिए शामिल होना चाहते थे।
निखिल की विरासत अपने परिवार और दोस्तों की यादों में, और यहां तक कि उन लोगों में भी, जो उन्हें अपने अध्ययन के क्षेत्र में शैक्षणिक योगदान के लिए व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते थे, उन सभी के दिलों मे ज़िंदा रहेगी क्यूंकी वह एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, सिंह ने कहा।
जैन ने कहा, “मैंने कई प्रोफेसरों से सुना है कि पूरी तरह से जल उद्योग ने एक बहुत ही मूल्यवान व्यक्ति (छात्र) खो दिया है।” “वह इस क्षेत्र में बहुत कुछ हासिल कर सकते थे”।